लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों ने पिछला बकाया भुगतान न मिलने और नए सत्र में गन्ना के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी करने की मांग को लेकर सोमवार को मेरठ, मुजफ्फरनगर, बाराबंकी, बागपत सहित कई जिलों में एक साथ राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर एक तरह से अपना शक्ति प्रदर्शन कर दिया है।
किसानों ने जिस तरह से एकजुटता दिखाई है, उससे सरकार के लिए मुसीबत भी खड़ी हो सकती है। एक तरह से यूं कहा जाए कि अब गन्ना किसानों के आंदोलन ने पूरी तरह रफ्तार पकड़ ली है। किसानों ने फैसला कर लिया है कि जब तक गन्ना भुगतान शुगर मिल मालिक नहीं देंगे तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी देते हुए कहा, ”अगर उनकी समस्याएं जल्द न सुलझाई गयी तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। गन्ना किसानो के साथ हो रहे शोषण, बे-मौसम बर्बाद हुयी फसल से तबाह हुए किसानों की समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाएं।” राकेश टिकैत ने मिल मालिकों को भी चेतावनी देते हुए कहा, ”उनके कारखाने बंद कर दिए जायेंगे। शराब की फैक्ट्रियां एडिस्टलरी और पॉवर प्लांट पर भी ताले जड़ दिए जायेंगे।”
भाकियू के बैनर तले प्रदर्शन
गन्ना किसानों की समस्या के समाधान के लिए भाकियू ने सोमवार से प्रदेशभर में लगभग सभी हाइवे जाम कर दिए हैं। किसानों ने मुजफ्फरनगर के भाकियू जिला अध्यक्ष राजू अहलावत के नेतृत्व ने गांव भैंसी के निकट हाइवे जाम कर शक्ति प्रदर्शन किया। मेरठ के भी विभिन क्षेत्रों में जैसे दिल्ली-देहरादून राष्ट्रिय राजमार्ग एच-58 सहित मेरठ-कैनाल हाइवे के सरधना रोड पर भी किसानो ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया। बागपत में भाकियू कार्यकर्ताओं ने सोमवार सुबह पाठशाला बस स्टेण्ड से लेकर बडौत, दहा, बडौत-मेरठ रोड, बागपत-मेरठ रोड जाम कर प्रदर्शन किया।
क्यों आई समस्या
उत्तर प्रदेश का पश्चिमी क्षेत्र गन्ना बेल्ट माना जाता है। यहां के किसानों का गन्ने की फसल की ओर ज्यादा रुझान होता है। यहां गन्ने की ज्यादा पैदावार होती है। यही कारण है कि ये क्षेत्र शुगर बाउल के नाम से मशहूर है। लेकिन आज इस क्षेत्र को शुगर बाउल के नाम से प्रसिद्ध करने वाला किसान भुखमरी की कगार पर आकर खड़ा हो गया है। शुगर मिल मालिकों ने किसानों को पिछला गन्ना भुगतान नहीं किया है और अब अगली फसल भी आ गयी है।