किसकी ज़िद पर शिक्षा विभाग ईमानदार स्कूल के पीछे पड़ा ?

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लखनऊ। जहां एक ओर मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल को रोकने की मुहिम छेड़ी है, वहीं शिक्षा विभाग कई दाग़ी स्कूलों पर मेहरबान है और एक ईमानदार स्कूल के पीछे पड़ा है।

कुर्सी रोड स्थित महावीर इंटर कॉलेज को जिस तथाकथित जांच रिपोर्ट के आधार पर दाग़ी ठहराया गया और इसे छिपाने का आरोप लगाते हुए एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया, वह रिपोर्ट न इन दोनों को, न मीडिया को देखने को मिली। 

इसके अलावा शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार संयुक्त शिक्षा निदेशक सुत्ता सिंह ने जिस दिन परीक्षा केन्द्र पर नकल में शामिल होने का आरोप लगाया, उस दिन विद्यालय अपने मैनेजमेंट के नहीं, शिक्षा विभाग के अफसरों के संचालन में था।

इन स्कूलों के प्रकरण को गाँव कनेक्शन राज्यव्यापी नकल के कारोबार के एक नमूने के रूप में लगातार उठा रहा है। 

मंडलीय समिति द्वारा सुत्ता सिंह की तथाकथित जांच रिपोर्ट के आधार पर महावीर इंटर कॉलेज को परीक्षा केन्द्रों की सूची से बाहर किया गया। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट छिपाने के आरोप में सस्पेंड हुए क्लर्क ने यह रिपोर्ट देखी ही नहीं। 

वहीं, फोन करके जब सुत्ता सिंह से इस विषय पर बात करने की कोशिश की गई, तो महावीर इंटर कॉलेज का नाम सुनते ही उन्होंने फोन काट दिया। 

परीक्षा केन्द्र निर्धारण में खूब मनमानी की गई और कई दाग़ी स्कूलों को जिन्हें पिछली बार केन्द्र नहीं बनाया गया था, इस बार बनाया गया है।

उधर, बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए मुख्य सचिव ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों से परीक्षाओं की सभी तैयारियां समय से पूरी करने के निर्देश दिए हैं, ”नकल को रोकने लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होंगे, और परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर के दायरे में धारा-144 लागू होगी।

”हमने महावीर इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य से बात की है, उनके कागजात भी देखे हैं, जिनमें परीक्षा के दौरान जांच अधिकारियों द्वारा परीक्षाएं शुचितापूर्ण होने की रिपोर्ट दी गई है। अगर उत्पात स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्रों ने किया तो परीक्षा केन्द्र को दोषी कैसे ठहराया जा सकता है। पहले डीआईओएस ने केन्द्र बनाया भी था। लगता है अधिकारियों ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।” आरपी मिश्र, प्रदेशीय मंत्री, उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा।  

कैसे लगे नकल पर लगाम 

नकल को रोकने लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होंगे, और परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर के दायरे में धारा-144 लागू होगी।

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