नोएडा। भारतीय हस्तकला मेला में दो हजार सात सौ करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। इस मेले में 110 देशों के खरीदार शामिल हुए।
भारतीय हस्तकला और उपहार मेला (आईएचजीएफ ) के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार बताते हैं, ”भारत का हस्तकला क्षेत्र दुनिया का सबसे बड़ा हस्तकला मेला है, इस मेले में गृह, जीवनशैली और फैशन उत्पादों के साथ घरेलू फुटकर विक्रेताओं, एजेंट और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के रूप में 7,300 व्यापारिक भागीदारों ने शिरकत की।”
1994 से शुरू हुआ यह मेला 5,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है और इसमें 313 आयोजकों ने अपनी हिस्सेदारी दर्ज कराई। ग्रेटर नोएडा में हुए आईएचजीएफ के दिल्ली मेले का यह 40 वां सत्र रहा। मेले में 1,600 उत्पादों और आधुनिक जीवनशैली का प्रदर्शन किया गया। मेले में 110 से ज्यादा देशों के खरीदारों ने पारंपरिक भारतीय कला और शिल्पकारी का लुत्फ उठाया। इस मौके पर रंगारंग नृत्य के कार्यक्रम से माहौल में भारतीय कला और संस्कृति की झलक दिखाई दी।
मेले में ऑस्ट्रेलिया और एशियाई सहित अफ्रीकी देशों की मीडिया की भागीदारी रही, जिनमें वियतनाम, कंबोडिया, ट्यूनीशिया, मिस्र और सेनेगल की मीडिया को भी आमंत्रित किया गया था।
मेले में 1,600 किस्म के उत्पादों को प्रस्तुत किया गया था, जिनमें रसोई, मेकअप, घर की सजावट, जन्मदिन और शादी समारोह के मौके पर इस्तेमाल होने वाली सामग्री, फैशन, ज्वैलरी, बैग, टाई, चमड़े के उत्पाद, फर्नीचर, हार्डवेयर, मशीनों के कलपुर्जे, कालीन, बाथरूम में इस्तेमाल होने वाली सामग्री, सुगंधित उत्पाद, स्टेशनरी, बिजली के सामान, सजावटी सामान और शिक्षापरक खेलों और खिलौनों को बेहद आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया था।
देश में हस्तकला के विकास और उन्नयन की महत्वपूर्ण एजेंसी भारतीय हस्तकला और उपहार मेला (आईएचजीएफ ) की ओर से ग्रेटर नोएडा आयोजित मेले का समापन हो गया।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग विभाग के मंत्री भगवंत सरण गंगवार ने 10 किस्म के उत्पादों को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित करने के लिए प्रतिष्ठित अजय शंकर स्मारक पुरस्कार प्रदान किए।