नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने जेएनयू पर अपनी फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ नहीं दिखाने का आरोप लगाया है। हालांकि जेएनयू प्रशासन ने इस तरह के किसी भी आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है।
जेएनयू पर ‘भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने’ का आरोप लगाते हुए अनुपम खेर ने कहा, ”उन्हें बताया गया है कि विश्वविद्यालय अपने परिसर के मौजूदा माहौल के मद्देनजर इस फिल्म को दिखाने की इजाजत नहीं दे सकता।’‘
अनुपम खेर ने कहा, ‘‘जेएनयू में केवल कुछ लोगों को ही अभिव्यक्ति की आज़ादी की इजाज़त क्यों दी जाती है? वो जो उपदेश दे रहे हैं, उसका उन्हें पालन भी करना चाहिए। अगर वो भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं, तो उन्हें उसका पालन भी करना चाहिए।”
जेएनयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें इस फिल्म को दिखाए जाने के बारे में कोई मौखिक या लिखित अनुरोध नहीं मिला है, इसलिए ऐसे में यहां मना करने का प्रश्न ही नहीं है।”
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पक्का नहीं है कि उन्होंने किसी खास विभाग को अनुरोध दिया है या नहीं लेकिन प्रशासन के संज्ञान में कुछ नहीं आया है।”
अक्सर फिल्मों की स्क्रीनिंग का आयोजन करने वाले विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने भी अनुपम खेर के ऐसे किसी अनुरोध से इनकार किया है। अनुपम खेर के मुताबिक़ फिल्म में ऐसा माहौल दिखाया गया है जो आजकल जेएनयू में नजर आता है।