नशे की ज़द में भटकता बचपन

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लखनऊ। रात के तकरीबन ग्यारह बजे लखनऊ के कल्याणपुर इलाके में उस खामोश और अंधेरी गली में सुनसान माहौल था। गाँव कनेक्शन रिपोर्टर एक गुप्त सूचना पर मौके पर मौजूद थे। रिपोर्टर ने देखा कि दो छोटी बच्चियां जिनकी उम्र 6 साल और ग्यारह साल के आसपास थी, उस गली में दाखिल हुईं। उनके साथ 8-9 साल के दो छोटे बच्चे भी थे। हैरत की बात ये है कि उन मासूम मुट्ठियों में खिलौने नहीं थे, बल्कि नशे का सामान था।

कुछ नशीले पदार्थों की पुड़िया थीं, जो उन्होंने थाम रखी थीं। रिपोर्टर के पूछताछ करने पर बच्चे भागने की कोशिश करने लगे, जब बहला-फुसला कर पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह सामान उन्हें पास की एक पान की दुकान से मिल जाता है। जिसे वो ना सिर्फ इस्तेमाल करते हैं, बल्कि बेचते भी हैं।

यह एक उदास हकीकत है उस प्रदेश की जहां नशे का काला कारोबार अपनी जड़ें लगातार फैलाता जा रहा है। नशे की लत युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। 

नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार साल 2014 में ही प्रदेश भर में 15 किग्रा हेरोइन, 8682 किग्रा गांजा और 994 किलो हशीश बरामद किया गया। जानकारों की मानें तो नशे का सामान सबसे ज्यादा पंजाब से उत्तर प्रदेश में लाया जा रहा है और इसकी तादाद इतनी है कि इसी मात्रा में इस्तेमाल होने से उत्तर प्रदेश थोड़े ही समय में सबसे ज्यादा नशे का इस्तेमाल करने वाला प्रदेश बन सकता है। अभी पहले नंबर पर पंजाब और दूसरे पर यूपी है।

‘गाँव कनेक्शन’ द्वारा उत्तर प्रदेश में नशे के फैलते जाल का ज़ायज़ा लेने के दौरान कई जगहों पर धड़ल्ले से इन पदार्थों की खरीद-फरोख़्त होती मिली। यूपी के कई जिलों में नशे के कारोबार को होता हुआ पाया है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि अब नशे के इस कारोबार में बच्चों का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है।

प्रदेश में लखनऊ से सटे इलाकों में बच्चों के द्वारा नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। नार्कोटिक्स ब्यूरो ऑफ इंडिया के अनुसार पिछले कुछ सालों में भारत में नशीले पदार्थों का सेवन तेज़ी से बढ़ा है। साल 2014 में भारत भर में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक सरकारी चुस्ती और कई योजनाओं के बावजूद युवाओं में ये लत बीते कुछ समय में तेज़ी से बढ़ी है और प्रशासन नशे के कारोबारियों पर लगाम लगाने में असमर्थ रहा है।

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