मिर्गी कोई दैवीय प्रकोप नहीं दिमागी बीमारी है

#Baat pate ki

लखनऊ।  मिर्गी बीमारी को लेकर हमारे समाज में बहुत सी भ्रांतियां फैली हुई हैं। गाँव कनेक्शन से बात करते हुए हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर विवेक अग्रवाल ने बताया कि मिर्गी क्या होती है और किस तरह लोगों को इसके लक्षण समझ इसका सही इलाज कराना चाहिए।

“आज भी मिर्गी को देवीय प्रकोप माना जाता है, जो कि सही नहीं है। ये एक मस्तिष्क से सम्बन्धित बीमारी है, जिसमें दिमाग शरीर को ऐसे निर्देश देता है कि शरीर बेहोशी या झटके जैसी स्थिति को महसूस करता है,”- डॉक्टर विवेक अग्रवाल।

मिर्गी के लक्षण

हाथ-पैर पटकना

कपड़ों में पेशाब छूट जाना

रोने की या अलग तरह की मुंह से आवाज़ें आना

अचानक खड़े से गिर जाना

शरीर का अकड़ना

आंखों के आगे अंधेरा छा जाना

मुंह से झाग आना

दांत भिंच जाना

मिर्गी के झटके आएं तो क्या करना चाहिए?

सबसे पहले मरीज़ को एक सुरक्षित जगह पर लैटा दें, जिससे कि उसको चोट न लगे। अगर आप उसे करवट के बल लेटा सकें तो ये और बेहतर होगा। मिर्गी के मरीजों को तुरन्त अस्पताल पहुंचाना चाहिए।

मिर्गी का झटका अधिकांशत: 5 से 15 मिनट तक रहता है।

मिर्गी क्यों होता है?

90 प्रतिशत लोगों में इसके कारण का पता नहीं चलता कि क्यों उन्हें मिर्गी का दौरा पड़ा। इन लोगों में पता नहीं चलता है कि मिर्गी क्यों हो रही है लेकिन बाकी बचे 10 प्रतिशत लोगों को किसी-न-किसी कारण से मिर्गी का दौरा आता है। ये कारण कुछ भी हो सकता है जैसे, दिमाग में कोई चोट लगी हो, कोई मस्तिष्क ज्वर रहा हो, दिमाग का टीबी हो या कोई ऐसा रोग जैसे किडनी फेल होना या लिवर फेल हो।   

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