सीतापुर (उत्तर प्रदेश)। दुबई जैसे कई खाड़ी देशों तक सीतापुर का दशहरी जाता है, इसको लेकर विदेशों में लोग मनचाहा पैसा देने को तैयार रहते हैं। पैसे के बिकने वाला आम दिरहम व रियाल कमा रहा है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर सीतापुर के आम की बहुत ज़्यादा मांग है।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद के औरंगाबाद के किसान अकील अहमद (58 वर्ष) कहते हैं, “पिता जी ने मलिहाबाद से 1940 में आकर के औरंगाबाद में करीब सौ एकड़ जमीन खरीद कर के आम की बागवानी शुरू की थी। उसके बाद उनके न रहने पर हम बाग़वानी की देख रेख करते हैं। आम की बाग़वानी से आज हमको भारतीय स्तर ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहचान मिली हैं। पहले हम लोग दिल्ली पंजाब हरियाणा राजस्थान में आम की बिक्री करने जाते थे लेकिन पिछले आठ सालों से देश विदेश के सभी आम के व्यापारी यही सीजन में आकर के सौदा कर है। इस से हम लोगो की ट्रांसपोर्ट की बचत के साथ साथ समय की बचत हो जाती है।
करोड़ों का करते हैं टर्न ओवर
अकील अहमद बताते है कि पिछली बार हमने करीब एक करोड़ से ज़्यादा का आम दुबई व सऊदी अरब के जद्दा में भेजा था। इस बार आम की फसल कम है तो आम का भाव और अच्छा मिलेगा। बाकी रोजाना यहां से भी आम बिक जाता है।
विभिन्न किस्मों के लगा रखे हैं आम
अकील अहमद अपनी आम की बागवानी में चौसा, दशहरी, मलिहाबादी, सफ़ेदा, आम्रपाली, लंगड़ा, देशी, बादामी, तोतापरी, केसर, हिमसागर आम के साथ साथ लीची के भी एक दर्जन पेड़ लगा रखे हैं।