लखनऊ। आम के बाग में एक दर्जन से अधिक कीट ऐसे होते हैं जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इन कीटों में से जो सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं वो हैं भुनगा और रुजी कीट, इसलिए समय रहते इन कीटों का नियंत्रण करना चाहिए।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के कीट वैज्ञानिक डॉ. गोड़प्पा कीटों के नियंत्रण के बारे में बताते हैं, “आम में रुजी और भुनगा कीट लगने से उत्पादन पर बहुत असर पड़ता है, इस समय आप देखेंगे तो फल के ऊपर एक बहुत छोटा कीट टहल रहा होगा वो कीट रुजी होते हैं। ये कीट कैसे फसल को नुकसान पहुंचाते हैं इसके बारे में मै बता रहा हूं, रुजी फलों के ऊपर बैठकर उसका रस चूसते रहते हैं। रस चूसने से फलों के ऊपर धब्बे पड़ जाते हैं। धब्बे पड़ने से फलों का मार्केट में अच्छा दाम नहीं मिलता है।
इससे बचाव के बारे में वो बताते हैं, “इसके नियंत्रण के लिए ज्यादा केमिकल पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, जब पहली बार आपको रुजी दिखायी देता है, नई पत्ती के ऊपर तब आपको नीम ऑयल का स्प्रे करना चाहिए। नीम ऑयल तीन एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। जैसे कि आप दो हजार लीटर पानी का छिड़काव कर रहे हैं तो इसमें छह लीटर नीम ऑयल का छिड़काव करना चाहिए।”
अगर एक बार रुजी कीट वयस्क अवस्था में आ जाए उस समय उसका नियंत्रण करने के लिए आपको केमिकल का प्रयोग करना पड़ेगा, यहां एक सावधानी ये रखनी होगी, जब आपका फल बढ़ रहा होता है, उस समय रुसी का प्रकोप ज्यादा रहता है, इसके लिए जब आप कीटनाशक के साथ स्टिकल जरूर डालें, क्योंकि जब आप कीटनाशक का छिड़काव करते हैं तो स्टिकल होने से ये पत्ती और फलों पर अच्छी तरह से चिपक जाते हैं। इससे अच्छा नियंत्रण होता है।
इसके अलावा एक और भी कीट होता है, जब दो फल एक दूसरे से जुड़े होते हैं तो उसमें आप देखेंगे तो एक गिडार मिलेगा, जिसका नाम होता है फ्रूट बोरर, ये फलों के अंदर घुसकर उन्हें खराब कर देता है। उसके नियंत्रण के लिए रोगर का स्प्रे करना पड़ेगा, दो एमएल प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करें।
इसके अलावा फल मक्खी के प्रकोप से बचने के लिए ट्रैप का इस्तेमाल करें।