लखनऊ। “गुणवत्ता में बेहतर और अच्छी मात्रा में अगर किसान कृषि उत्पाद चाहते हैं तो उन्हें “मृदा परीक्षण” जरूर करानी चाहिए, क्योंकि पौधे को बढ़ने और और जीवन यापन के लिए लगभग 16 प्रकार के तत्वों की जरुरत होती है। जैसे-जैसे कृषि उत्पादों में इन तत्वों की कमीं हो रही है वैसे ही मानव शरीर में भी इन तत्वों की कमी होती जा रही है। आप देखे, अब इंसानों में जिंक की कमी पायी जाने लगी है और डॉक्टर जिंक की कमी पूरा करने के लिए जिंक की गोली भी दवाई के साथ दे रहे हैं। अगर हमारी मिट्टी बीमार न होती उसमे जरुरी तत्वों की कमी न होती तो कृषि उत्पादों में इन तत्वों की कमी नहीं आती और इंसान/पशुओं में जरुरी तत्वों का संतुलन बना रहता, ” ये कहना है ऋषि पाल सिंह का जो वर्तमान समय में इफको के राज्य विपणन प्रबंधक हैं और इफ़को उत्तर प्रदेश के सभी गतिविधियों का सञ्चालन करते है।
गांव कनेक्शन साक्षात्कार के दौरान किसानों को होने वाली दिक्क्तों और इफको द्वारा किसानों के हित में दी जाने सुविधाओं पर इफ़को राज्य विपणन प्रबंधक से विशेष बातचीत के दौरान अपने अनुभव साझा किये।
किसानों को होने वाली समस्याओ के बारें में प्रश्न पूछे जाने पर ऋषि पाल सिंह बताते हैं, “किसान को फसल के उत्पादन में इफ़को की सहकारी समितिया प्रदेश में नहीं बल्कि देश में हर गांव में मदद कर रही है। साल 1967 में इसकी स्थापना तीन मूल उद्देश्य लेकर की गयी जिसमें उच्च गुणवत्ता के उर्वरक बनाकर सहकारी समितियों के माध्यम से किसानो तक पहुँचाना दूसरा जो सहकारी समिति इफको की सदस्य है उनकी निरन्तर प्रगति के लिए इफको द्वारा कार्य करना तीसरा जो हमारे मूल केंद्र बिंदु में रहते है “किसान” उनके लिए उनके खेत पर तकनीकी जानकारी देकर उनके कृषि उत्पादन को बढ़ाना और कृषि निवेशों की सहकारी समितियों के माध्यम से आपूर्ति करना जो इफ़को बराबर कर रहा है और यही वजह है कि साल 1967 में मात्र 6 लाख शेयर कैपिटल और 57 सहकारी समितियों से शुरू हुआ सफर से आज लगभग 36 हजार समितियां और इन समितियों के माध्यम से देश के पचास करोड़ किसान इफको से सीधे लाभान्वित हो रहे है और ये किसान ही इफको के मालिक भी है और उपभोक्ता भी है।
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ऋषि पाल सिंह आगे कहते हैं,” किसानों के सामने आज भी सबसे बड़ी समस्या अपने उत्पाद को बेचने के समय आती है और इसकी दो वजह है पहला ये कृषि उत्पाद की गुणवत्ता में कमी होना क्योंकि डिजिटल युग में बाजर वैश्विक रूप से उपलब्ध तो है लेकिन जब किसान अपने कृषि उत्पाद दूसरे देश को भेजते है तो उसकी टेस्टिंग होती है। बाहरी देश कृषि उत्पाद की गुणवत्ता को लेकर बेहद संवेदनशील है और कृषि उत्पाद में किसी भी तत्व की अधिकता या कमी होने पर उसे तुरंत रिजेक्ट कर देते है दूसरा है। मार्केटिंग चैनल का अच्छा न होना। इन दोनों बिंदुओं पर इफ़को कार्य कर रहा है जल्द ही हम इफ़को से जुड़े किसानों को उनके उत्पाद बेचने में मदद करने की शुरुआत के लिए प्रयास कर रहे है सहकारी समितियों के माध्यम से ही किसानों के उत्पाद खरीद हो सकेगी।”
उर्वरको का संतुलित उपयोग करें
ऋषि पाल सिंह बताते हैं, “बीते दशकों मे विभिन्न प्रकार के रसायनों के प्रयोग भूमि का स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है। आधुनिक तरीकों के प्रयोग से खेती की उत्पादकता तो बढ़ गयी लेकिन भूमि का स्वास्थ्य बिगड़ गया जो संतुलित उर्वरक हमे जमींन को देना चाहिए था वो नहीं दिया गया जिसके चलते जमींन में उपयोगी तत्वों की कमी हो गयी और उसका प्रभाव मानव जीवन पर भी बढ़ता गया। जमींन की जरुरत को समझते हुए इफको ने जमींन में जरुरी तत्वों की पूर्ति के लिए इफको ने यूरिया, डीएपी, जिनजिस, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश ,आदि के विकल्प दिए गए। और साथ ही किसानों को ये उर्वरक सिर्फ संतुलित मात्रा में उपयोग करने की सलाह के साथ यूरिया के कम से कम प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया ताकि भूमि स्वस्थ रह सके। अक्सर ये देखा गया है कि किसान ज्यादा उत्पादन के लालच में रसायन या उर्वरकों का प्रयोग दी जाने वाली मात्रा की डोज बढ़ा देता है जो की जमींन के लिए तो नुकसानदायक है ही साथ में कृषि उत्पाद में तत्वों की मात्रा में वृद्धि हो जाती है जो की मानव जीवन और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
किसानो तक जानकारी पहुंचाने और उन्हें फसल सुरक्षा भी दे रहा है इफ़को
ऋषि पाल सिंह बताते है कि समय तेजी से बदल रहा है आज के समय मे जिसके पास जितनी जानकारी है वो उतना ही धनवान है किसानों तक उपयोगी जानकरी पहुंचने के लिए इफ़को किसान संचार कि शुरुआत कि गयी है खेती -किसानी से सम्बंधित जानकारी दिन मे तीन बार किसानो को दी जाती है और किसान अपनी समस्याओ के बारे मे इफको के किसान कॉल सेंटर पर फोन करके भी जानकारी ले रहे है और लाभ उठा रहे है ।
सबसे ज्यादा जोखिम अगर कोई उठाता है तो वो किसान है इसके लिए जापान कि एक इन्सुरेंस कम्पनी के साथ मिलाकर इफ़को ने इफको-टोकियो जनरल इन्सुरेंस कंपनी कि शुरुआत कि है जिसमे विभिन्न योजनाओ के माध्यम से किसानो को स्वास्थ्य बीमा,दुर्घटना बीमा ,और फसल बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है।