Gaon Connection Logo

ड‍िजिटल राशन प्रणाली: जो हैं उनका लिस्ट में नाम नहीं, मृतकों के नाम मिल रहा राशन

#BARABANKI

वीरेंद्र सिंह/दीपक सिंह, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। इस गांव में मृतकों के नाम आज भी अंत्योदय कार्ड धारक सूची में शामिल हैं, और उनका राशन भी बराबर मिल रहा है। पहले हमें राशन मिल रहा था, बाद में राशन मिलना बंद हो गया। अब प्रधान और कोटेदार के चक्‍कर लगा रहा हूं, लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं। हमें राशन नहीं मिल पा रहा, ”यह बात बाराबंकी जनपद के छंदरौली गांव के रहने वाले दो दर्जन से अधिक ग्रामीण कहते हैं।

बाराबंकी जिला से करीब 50 किमी दूर त्रिवेदीगंज ब्लॉक के छंदरौली गाँव की लगभग 2500 के करीब आबादी है। इस एक गांव के ग्राम पंचायत में करीब 30 परिवारों को राशन नहीं मिल रहा है। वहीं करीब दो दर्जन परिवार ऐसे हैं जिनके घरों में सदस्यों के नाम कार्ड में फीड नहीं है, जिसके चलते उनको पूरा राशन नहीं मिलता परिवार में कुल पांच सदस्य हैं तो दो ही नाम कार्ड पर फीड है। बाकियों के नाम गायब है, इसके पीछे की वजह है इन लोगों का नाम राशन कार्ड पात्रता की लिस्‍ट में न होना।


छंदरौली गांव के रामकिंकर रावत (32 वर्ष) बताते हैं, “हमारे ग्राम पंचायत में कोटेदार पूरी तरीके से मनमानी करते हैं, कई गरीब, विधवा महिलाओं के नाम काटकर उनकी जगह आपात्रों को कार्डधारक बना दिया गया है, वहीं कोटेदार की सबसे बड़ी कमी तो यह उजागर हुई है कि पिछले चार-पांच वर्ष पहले मृतक हो चुकी चमेली पत्नी सुखमीलाल व मिटाना पत्नी मैकूलाल”का राशन बराबर आ रहा है, आज भी वह लिस्ट में शामिल हैं और उनका राशन कोटेदार खा रहा है।

इसी गांव की (68) वर्षीय वृद्ध महिला कलावती बताती हैं, साहब मुझे पहले राशन मिलता था, लेकिन अब कोटेदार मुझे राशन नहीं देता है बोलता है तुम्हारा नाम लिस्ट में नहीं है जबकि चार महीने पहले मुझे राशन बराबर मिलता था अब क्यों नहीं मिल रहा यह पूछने पर कोई कुछ बताता नहीं है। घर में कोई कमाने वाला नहीं है, पहले राशन मिल जाता था तो गुजारा हो जाता था। लेकिन अब राशन भी नहीं मिलता तो गांव में किसी तरह मांग कर अपना गुजारा कर रही हूं, खेत में काम करने की ताकत भी अब नहीं है क्योंकि शरीर वृद्ध हो चुका है। अब आगे कैसे गुजारा होगा यह मुश्किल लग रहा है।

ग्रामीणों की शिकायत पर उनका पक्ष रखने गांव पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ब्लॉक अध्यक्ष त्रिवेदीगंज रोहित वर्मा ने गांव कनेक्शन से बताया, “इस ग्राम पंचायत में राशन कार्ड जैसे पात्र गृहस्थी,अंत्योदय में काफी घोटाला है, कुछ लोग ऐसे हैं जिनको दो-तीन साल से राशन नहीं मिल रहा है उनके कार्डों को काटकर आपात्रों को आवंटित कर दिया गया है, यही नहीं ग्राम प्रधान द्वारा भी गांव में जमकर घोटाला किया गया है गांव में शौचालय बने हैं जो पूरी तरीके से मानक विहीन है किसी पर छत नहीं है तो किसी में गड्ढा नहीं।

वहीं जब त्रिवेदीगंज क्षेत्र के सप्लाई इंस्‍पेक्टर संजय कुमार से गांव कनेक्‍शन की टीम ने सवाल किया तो उन्होंने बताया, “मामला संज्ञान में आया है, और इस पर जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी जबकि वही रिपोर्टर के सामने सप्लाई स्पेक्टर संजय कुमार ने जब कोटेदार नवल किशोर से फोन पर बात की तो कोटेदार का सच वाकई में सामने आया कोटेदार ने सारा मामला ग्राम प्रधान पर डाल दिया। 

ये भी देखिए : ड‍िजिटल राशन प्रणाली: पहले लिस्‍ट से गायब हुआ नाम, अब नहीं मिल रहा राशन

More Posts

दर्द से आराम के लिए आयुर्वेद सही है या एलोपैथी, क्या आयुर्वेद में होता है धीमा इलाज? जानिए विशेषज्ञ से

आयुर्वेद से हमारे देश का सदियों पुराना नाता रहा है, लेकिन अभी भी आयुर्वेद से इलाज करवाने पर लोग डरते...

मोटे अनाज की MSP पर खरीद के लिए यूपी में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, जानिए क्या है इसका तरीका?  

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जो किसान भाई बहन मिलेट्स(श्री...

यूपी में दस कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक; कहीं आप भी तो नहीं करते हैं इनका इस्तेमाल

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने...

मलेशिया में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसानों की भागीदारी का क्या मायने हैं?  

प्रवासी भारतीयों के संगठन ‘गोपियो’ (ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पीपल ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) के मंच पर जहाँ देश के आर्थिक विकास...